दिले नादां तुझे हुआ क्या है
पाकिस्तान की मकबूल गजल गायिका फरीदा खानम ने दहशत के माहौल में गायिकी से तौबा कर ली है। परेशान करने वाले हालात पर वे कहती हैं कि गमजदा होकर वे मायूस हैं और चाह कर भी गायन से दूर हैं। दिलों पर राज करने वाली इस गायिका का दर्द वास्तव में दिल को ठेस पहुंचाता है। अमन की बात करने वाली हकूमत के मुंह पर एक तमाचा है। जैसा कि उन्होंने कहा है कि वे हिंदोस्तां में आकर गाना तो चाहती हैं पर माहौल तो ठीक हों। ऐसे समय जब हम और आप दहशहत में जी रहे हों मुझे गाने की इच्छा नहीं होती। फरीदा ने साफ साफ सियासत को निशाना बनाते हुए कहा कि अगर ऐसे हालत रही तो पाक में न तो फन बचेगा और न ही फनकार।
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