रूस के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री व्लादीमीर पुतिन ने आखिरकार संकेत दे ही दिए हैं कि वह दोबारा रुस के राष्ट्रपति के रुप में देश की बागडोर संभाल सकते हैं। इस बाबत खबरनवीसों के सवालों का जवाब देते हुए पुतिन ने कहा कि जिस तरह आपसी समझ के साथ उन्होंने 2008 के चूनावों में सत्ता की बागडोर मेदवेदेव को सौंप दी थी। उसी तरह आगे भी समायोजन हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारी राजनीतिक विचारधारा और रक्त एक हैं। उम्मीद है कि हम एक समझौते पर पहुंच जाएंगे। पुतिन लगातार दो बार देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। रुस के संविधान में राष्ट्रपति दो से ज्यादा बार इस पद पर नहीं रह सकता। इसी कारण पुतिन गत वर्ष के चुनावों में मेदवेदेव के समथर्न में मैदान से हट गए थे। पुतिन ने कहा कि हम लोग समय के अनुसार वस्तुस्थिति का विषलेषण करेंगे और उसी के हिसाब से निणर्य लिए जांएगे। एक अन्य सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा कि उनके और मेदवेदेव के बीच को सत्ता संघर्ष नहीं है। क्या हम लोग गत चुनावों में आपस में लडे थे? इसी तरह हम 2012 के चुनावों में भी आपस में नहीं लडेंगे। गौरतलब है कि 2012 में मेदवेदेव का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। रूस के नए संवैधानिक नियमों के अनुसार 2012 के बाद 6-6 वर्षों के दो कायकाल के लिए नया राष्ट्रपति पद संभाल सकता है। पहले यह चार कार्यकाल के लिए तय था मगर नियमों में बदलाव कर यह दो कायकालों में तबदील किया गया। यदि पुतिन दोबारा 2012 में क्रेमलिन की गददी संभालते हैं तो वे 2024 तक इस पद बनें रह सकते हैं। जानकारों के अनुसार रुस की वास्तविक शक्तियां अभी भी पुतिन के ही हाथों में हैं और मेदवेदेव केवल उनका मोहरा हैं। हालांकि पुतिन इसे सिरे से खारिज करते हैं वे कहते हैं कि देश की बागडोर मेदवेदेव के हाथ में हैं। यदि कोई गलतफहमी का शिकार है तो उसे नींद से जाग जाना चाहिए। इस बात से कोई इत्तेफाक नहीं की शीत युद्ध की समाप्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुतिन ने रुस को खडा करने में कामयाबी हासिल की और आर्थिक हालत सुधारने के लिए पुराने सभी नियमों को बदल का रख दिया।
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